Tuesday 2 January 2018

इस्लाम में शराब कब हराम हुई और क्यों हराम की गयी ? Islam Me Shrab Ban Kyo Hai

हेलो दोस्तों , आप देख रहे हो स्टार गुरु यूट्यूब दोस्तों आज हम बात करेंगे शराब की , कहा जाता हैं कि शराब सारी बुराइयों की जड़ हैं यानि दुनिया में जितने भी गुनाह  होते हैं उनमें से ज्यादातर शराब पीने के बाद अन्जाम दिये जाते हैं। शराब शरीर, दिमाग और समाज तीनों के लिए नुकसान दायक  हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस्लाम ने आज से 1500 साल पहले ही शराब को हराम (वर्जित) कर दिया था। और इस्लाम ने इसकी जो अहम वजह बताई वो ये हैं कि शराब पीने के बाद इन्सान का उसके दिमाग पर कोई काबू नहीं रहता हैं। जैसा कि कुरान ए पाक में अल्लाह  ने फरमाया;
‘‘हे लोगो! जो ईमान लाए हो! यह शराब, जुआ और यह आस्ताने और पांसे, यह सब गन्दे और शैतानी काम हैं। इनसे परहेज़ करो, उम्मीद है कि तुम्हें भलाई प्राप्त होगी।’’ – (सूरह 5, आयत 90)
कुरान शरीफ़ की इस आयत से ये पता चलता हैं कि जब इन्सान शराब पीता हैं या कोई नशा करता हैं तो उसे ये ध्यान नहीं होता हैं कि वह क्या बोल रहा हैं? इसका मतलब यह हुआ कि इन्सान का उसकी जबान पर काबू नहीं रहता हैं। और जबान पर काबू इसीलिए नहीं रहता क्योंकि दिमाग पर काबू नहीं होता हैं। तो जब इन्सान का उसके दिमाग पर काबू ही नहीं हैं तो उसे यह कैसे मालूम होगा कि वह क्या बोल रहा हैं या क्या कर रहा हैं? इसिलिए तो ज्यादातर गुनाह शराब पीने के बाद किये जाते हैं।
एक हदीस में आता है ,  ‘‘शराब तमाम बुराईयों की माँ है और तमाम बुराईयों में सबसे ज़्यादा शर्मनाक है।’’
शराब हमेशा से मानव समाज के लिए एक अभिशाप रही है। इसके सेवन से अनगिनत लोगों की मौत होती रही है। इसका सेवन दुनिया के लाखों लोगों के लिए दुःख और परेशानी का कारण बनता रहा है।

एक हदीस में आता है , केवल शराब पीने वालों पर ही लानत नहीं की गई, बल्कि अल्लाह तआला उन पर भी लानत भेजता है जो लोग शराब पीने वालों के साथ प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से रिश्ता रखते है ।
एक हदीस में आता है की ,ऐ ईमानदारों तुम नशे की हालत में नमाज़ के क़रीब न जाओ

शराब मानव समाज में पेश आने वाली हर तरह की मुसीबतो का दुनियावी सबब रही है। अपराधों की दर में जिस तरह दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है, लोगों के मानसिक रोगों की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है, सवारी चलाते समय दुर्घटनाएँ होती हैं तथा लाखों लोगों के पारिवारिक जीवन बिखर रहे हैं, अनगिनत अपराध होते हैं, इन सबके पीछे शराब एक बड़ी वजह है

 हुजूर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने अपने एक और हदीस में फ़रमायाः
‘‘अल्लाह की लानत नाज़िल होती है उन 10 प्रकार के लोगो पर जो शराब से सम्बंधित हैं। एक वह समूह जो शराब बनाए, और दूसरा वह जिसके लिए शराब बनाई जाए। एक वह जो उसे पिये और दूसरा वह जिस तक शराब पहुंचाई जाए, एक वह जो उसे परोसे। एक वह जो उसको बेचे, एक वह जो इसके द्वारा अर्जित धन का उपयोग करे। एक वह जो इसे ख़रीदे। और एक वह जो इसे किसी दूसरे के लिये ख़रीदे।’’
एक जगह हदीस में आता है की  ‘‘हर वो चीज जिसकी अधिक मात्रा नशा करती हो, उसकी थोड़ी मात्रा भी हराम है।’’
दोस्तों शराब को वैज्ञानकि भी गलत मानते है शराब के सेवन से कई तरह की बीमारिया होती है एक इंसान की जिंदगी आधी हो जाती है , दोस्तों अल्लाह तल्लाह से दुआ है की अल्लाह हमे तमाम हराम चीजों से परहेज़ करने की तौफीक दे , आमीन
दोस्तों अच्छा लगे तो लाइक बटन पर क्लीक जरूर करना , पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत सुक्रिया ,,,